क्या होता?
अगर अजय तीसरे लड़के की यह बात मान लेता कि “अरे तू घर जा नरेंद्र को जानता नहीं?”
अजय के दोस्तों ने उसे समझाया कि वो घर चला जाए क्योंकि नरेंद्र के बारे में सब जानते थे कि वो बदमाश है। उसके चक्कर में कोई बैठा है तो बैठा ही रह जाए। अगर अजय उस तीसरे लड़के की बात मान लेता तो अपहरणकर्ता नरेंद्र को कहीं दूर ले जाते। जहां उसे कोई ढूंढ भी नहीं पाता।